एक जमाना था जब क्रिकेट में छक्के लगाना बहुत बड़ी बात समझी जाती थी। एक छक्का लगने पर बल्लेबाज के साथ ही फैंस भी काफी खुश हो जाते थे। ज्यादातर मैचों में एक भी छक्का नहीं लगता था। सर डोनाल्ड ब्रेडमैन को क्रिकेट का सबसे महान बल्लेबाज माना जाता है,शानदारछक्केजिसेभारतीयक्रिकेटफैंसकभीनहींभूलसकतेहैं
लेकिन अपने क्रिकेट करियर में 35, 000 से भी ज्यादा रन बनाने के बावजूद वो महज 6 ही छक्के लगा पाए। समय बदलने के साथ खेल बदला और खिलाड़ियों के खेलने का तरीका भी बदल गया। धीरे-धीरे समय बीतने के साथ खिलाड़ी ज्यादा आक्रामक हो गए और सीमित ओवरों के खेल में सिक्सर आम बात हो गई।अब हर मैच में दोनों ही टीमों की तरफ से काफी अच्छे लंबे-लंबे छक्के देखने को मिलते हैं। लेकिन छक्के लगाने की भी एक कला होती है। ये महज 6 रन बटोरने का साधन भर नहीं है, बल्कि इससे बल्लेबाज की काबिलियत का भी पता चलता है। क्रिकेट में कुछ खिलाड़ियों ने ऐसे छक्के लगाए हैं जिन्हें सालों तक याद रखा जाएगा। अगर हम भारतीय फैंस के नजरिए से देखें तो कई खिलाड़ियों ने शानदार छक्के लगाये हैं जिन्हें फैंस कभी नहीं भूल सकते हैं। आइए जानते हैं 7 ऐसे ही छक्कों के बारे में जिन्हें भारतीय फैंस कभी भुला नहीं सकते।2018 के निदहास ट्रॉफी फाइनल मुकाबले में दिनेश कार्तिक ने जो छक्का लगाया था उसे हमेशा याद रखा जाएगा। बांग्लादेश ने पहले बैटिंग करते हुए 166 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करते हुए मुकाबला काफी रोमांचक स्थिति में पहुंच गया। भारतीय टीम को आखिरी गेंद पर जीत के लिए 5 रन चाहिए थे और दिनेश कार्तिक ने शानदार छक्का लगाकर ये मैच जिता दिया।अपने पहले और आखिरी टी-20 मैच में राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 3 छक्के जड़े थे।राहुल द्रविड़ को ज्यादा आक्रामक बल्लेबाज नहीं माना जाता था। वो ज्यादातर ग्राउंडेड शॉट खेलते थे और उनकी बल्लेबाजी की तकनीक काफी अच्छी थी। ज्यादातर गेंदों पर वो रक्षात्मक रवैया अपनाते थे। आक्रामक शॉट कम खेलते थे।शुरुआत में जब वो आए तो सीमित ओवरों की टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा था। राहुल द्रविड़ भारत के अकेले ऐसे खिलाड़ीहोंगे जिन्होंने टीम की जरुरत के हिसाब से सब-कुछ किया। जब टीम को जरुरत पड़ी तो उन्होंने सलामी बल्लेबाज की भी भूमिका निभाई,जब टीम को विकेटकीपर की जरुरत पड़ी तो गल्व्स पहन कर विकेट के पीछे भी खड़े हो गए, यानिद्रविड़ ने भारतीय टीम के लिए सबकुछ किया। जब वो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायर हुए तो उनके नाम सभी फॉर्मेट में अच्छे-खासे रन थे। सीमित ओवरों के खेल में भी द्रविड़ ने अपना जलवा दिखाया।द्रविड़ ने अपने पूरे अंतर्राष्ट्रीय करियर में मात्र एक टी-20 मैच खेला। 2011 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला और आखिरी टी-20 मैच खेला। द्रविड़ को ज्यादा आक्रामक प्लेयर नहीं माना जाता है, लेकिन उस मैच में उस वक्त टीम को रनों की जरुरत थी और द्रविड़ ने रन बनाकर दिए।द्रविड़ ने पहले कुछ समय लिया लेकिन एक बार सेट हो जाने के बाद 11वें ओवर में समित पटेल के ओवर में उन्होंने 3 लगातार छक्के जड़ दिए। पहला छक्का उन्होंने मिड विकेट के ऊपर से मारा, दूसरा छक्का उन्होंने स्ट्रेट बाउंड्री के बाहर लगाया जबकि तीसरा छक्का उन्होंने स्वीप करके लगाया। द्रविड़ के वो 3 बेहतरीन छक्के आज भी भारतीय क्रिकेट फैंस के जेहन में ताजा हैं और वो उन्हें कभी नहीं भूल सकते।
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